Plastic in Human Blood: क्या कभी आपने ये सोचा है कि व्यक्ति के शरीर में बनने वाले खून में प्लास्टिक के छोटे-छोटे कण भी मिले हो सकते हैं। इस बात पर इतना परेशान होने की आवश्यकता नहीं, बल्कि सचेत रहने की जरूरत है। बता दें नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी (Vrije Universiteit Amsterdam) ने एक रिसर्च की है।
Effect of plastic pollution on Humans

इसमें पता चला है कि 80 फीसदी लोगों के खून में प्लास्टिक के कण (Plastic particles) मौजूद हैं। तो चलिए जानते हैं कि कैसे बना प्लास्टिक। क्या होती है माइक्रोप्लास्टिक (Microplastics), शोध से क्या पता चला। खून में कैसे पहुंचता है प्लास्टिक। इससे शरीर को क्या है नुकसान?
कैसे तैयार हुआ प्लास्टिक?

आमतौर पर यह माना जाता है कि कोयला और तेल को मिलाकर प्लास्टिक को तैयार किया जाता है। काफी हद तक ये सही भी है। लेकिन कहते हैं कि आज से करीब 100 साल पहले बेल्जियम मूल के साइंटिस्ट लियो बैकलैंड ने फिनोल और फॉर्मेल्डिहाइड नाम के दो केमिकल को मिलाकर एक पदार्थ बनाया, जिसका नाम बैकेलाइट दिया गया। इसी बैकेलाइट को सबसे पहला प्लास्टिक या सिंथेटिक प्लास्टिक कहा गया।
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